Pakistan PM trolling speech faces backlash in social media
आज, 25 फरवरी 2025 को, Pakistan PM शहबाज शरीफ ने एक भाषण में भारत के खिलाफ तीखे बयान दिए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। अपने संबोधन में शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान जल्द ही भारत को हर क्षेत्र में पीछे छोड़ देगा। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना और व्यंग्य को जन्म दिया है, जहां कई उपयोगकर्ताओं ने इसे “बिना किसी ठोस आधार के बड़े-बड़े वादे” करार दिया है।
डेरा गाजी खान में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद शरीफ ने कहा, “अगर हम भारत को पीछे नहीं छोड़ेंगे, तो मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं है। हम पाकिस्तान को एक महान राष्ट्र बनाएंगे और भारत से आगे निकल जाएंगे।”
میں تواڈے نال وعدہ کرینداں کہ اگر رب سوہنڑے کو منظور ہویا تاں ڈینہہ رات اتنی محنت کریسوںنکہ ہندوستان کو وی ترقی اچ پچھاں چھوڑ ڈیسوں
وزیراعظم محمد شہبازشریف#PMShehbazInDGKhan pic.twitter.com/OATaF1KQag
— PMLN (@pmln_org) February 22, 2025
उन्होंने आगे कहा, “मैं नवाज शरीफ का प्रशंसक हूं, उनका अनुयायी हूं। आज मैं उनके धन्य जीवन की शपथ लेता हूं कि जब तक मुझमें ऐसा करने की ऊर्जा और इच्छाशक्ति है, हम सब मिलकर पाकिस्तान को महानता की ओर ले जाने और भारत को हराने के लिए काम करेंगे।”
यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा कुछ सप्ताह पहले दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि वे भारत के साथ कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कश्मीरी लोगों के प्रति अपनी नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन को बरकरार रखा है। मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा था, “हम चाहते हैं कि कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए।”
यह पहली बार नहीं है जब Pakistan PM ने भारत के खिलाफ इस प्रकार के बयान दिए हैं। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में, शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “पाखंड की पराकाष्ठा” कहा था। भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान के नेताओं द्वारा इस प्रकार के बयान और भारत के खिलाफ की गई टिप्पणियाँ दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाती हैं। ऐसे में, दोनों देशों के नेताओं को संयमित और जिम्मेदार बयान देने की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।