Telangana Tunnel Incident: सुरंग में फंसे लोगों के बचने की संभावना ‘बहुत कम’, बचाव अभियान में लग सकते हैं 3-4 दिन,-Telangana Minister

Telangana Tunnel Incident: फंसे मजदूरों का बचाव अभियान जारी, रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी

मुलुगु, तेलंगाना:

तेलंगाना के मुलुगु जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए बचाव कार्य जोरों पर है। यह हादसा तब हुआ जब सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा धंस गया, जिससे वहां काम कर रहे कई मजदूर मलबे में फंस गए।

कैसे हुआ हादसा?

मुलुगु जिले में प्रस्थानम प्रोजेक्ट के तहत एक सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा था। अचानक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे वहां काम कर रहे मजदूर फंस गए। प्रारंभिक जांच में सुरंग धंसने का कारण मिट्टी का कमजोर होना और निर्माण प्रक्रिया में तकनीकी चूक बताया जा रहा है। हालांकि, सही कारणों का पता विस्तृत जांच के बाद ही चल पाएगा।

रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी

जैसे ही घटना की जानकारी मिली, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हाईड्रोलिक मशीनों, ड्रिलिंग उपकरणों और अन्य बचाव उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।

बचाव दल को सुरंग की जटिल संरचना और लगातार गिरते मलबे के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, मजदूरों के जीवन को सुरक्षित बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

फंसे मजदूरों की स्थिति

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरंग में कुल 10 से 12 मजदूर फंसे हो सकते हैं। अब तक 3 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। बाकी मजदूरों के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। बचाव दल ऑक्सीजन सप्लाई और संचार साधनों का उपयोग कर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को कहा कि दो दिन पहले SLBC सुरंग के आंशिक ढहने के बाद उसमें फंसे आठ लोगों के बचने की संभावना “बहुत कम” है, हालांकि उन तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

बचाव दल में चूहे खनिक भी शामिल हो गए हैं, जिन्होंने 2023 में उत्तराखंड में सिल्कयारा बेंड-बरकोट सुरंग से निर्माण श्रमिकों को बचाने में मदद की थी, ताकि फंसे हुए लोगों को निकालने में सहायता की जा सके।

अधिकारियों ने संकेत दिया कि दुर्घटना स्थल पर मलबे और गंदगी की पर्याप्त मात्रा को देखते हुए बचाव अभियान में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे, जिससे बचाव दल के लिए बड़ी चुनौतियां सामने आएंगी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने घटना पर चिंता जताई है और अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने फंसे मजदूरों के परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रशासन बचाव अभियान की नियमित निगरानी कर रहा है। इसके अलावा, हादसे की वजह जानने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

स्थानीय लोगों का समर्थन

घटनास्थल के पास बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा हैं। वे बचाव कार्य में सहायता प्रदान कर रहे हैं और मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं।

आगे की राह

बचाव अभियान के पूरा होने के बाद सुरंग निर्माण कार्य को फिलहाल रोक दिया जाएगा। प्रशासन की प्राथमिकता सभी फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है। इसके बाद सुरक्षा मानकों की समीक्षा और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों पर जोर दिया जाएगा।

जैसे ही इस घटना से संबंधित और अपडेट प्राप्त होंगे, हम आपको ‘टॉप खबर’ के माध्यम से तुरंत जानकारी देंगे। फंसे मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना करें और जुड़े रहें

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