Pakistan discovers Gold worth Rs 80,000 crore in Indus River
Pakistan ने Indus नदी में लगभग 80,000 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की खोज की है, जो उसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकता है।
यह खोज पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों, जैसे विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और मुद्रास्फीति, को संबोधित करने में मदद कर सकती है।
इंदुस नदी भारत से होकर बहती है, जिससे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, लेकिन खनिज अधिकार पाकिस्तान के कानून के अधीन हैं।
1/1-Pakistan’s recent discovery of #GOLD reserves worth ₹80,000 crore in the #Indus #River bed has significant implications,both economically & geologically,according to @Dawn_News. It was found in Attock in Punjab province through a govet.-commissioned survey,-@washingtonpost pic.twitter.com/qrxvJgLIUP
— 🇮🇳 Monu Ji Garg (@MonuJiGarg) March 5, 2025
खोज और आर्थिक लाभ
Pakistan ने पंजाब प्रांत के अटक जिले में इंदुस नदी के तल में सोने के भंडार की एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसका मूल्य लगभग 80,000 करोड़ रुपये (भारतीय रुपये में) अनुमानित है। यह खोज एक समय पर है जब पाकिस्तान आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है, जिसमें कम विदेशी मुद्रा भंडार और उच्च मुद्रास्फीति शामिल है। सोने के निष्कर्षण और बिक्री से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हो सकती है, मुद्रा को स्थिर करने में मदद मिल सकती है, और विकास परियोजनाओं के लिए धन जुटाया जा सकता है। यह परियोजना पाकिस्तान के खनन उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है और देश के आर्थिक परिदृश्य को बदल सकती है।
आर्थिक लाभ
यह खोज Pakistan के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर प्रदान करती है, विशेष रूप से जब देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में कम विदेशी मुद्रा भंडार और उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रही है। सोने के निष्कर्षण और बिक्री से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हो सकती है, जो मुद्रा को स्थिर करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करेगी। इसके अलावा, सरकार को राजस्व उत्पन्न होगा, जो विकास परियोजनाओं जैसे बुनियादी ढांचा, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए उपयोग किया जा सकता है।
इस परियोजना से खनन उद्योग में भी वृद्धि होगी, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि निष्कर्षण सतत तरीके से किया जाए, ताकि पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम रहें।

भारत के साथ संबंध
इंदुस नदी का स्रोत भारत में तिब्बत के पठार के पास है, और यह भारत के लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से होकर बहती है, फिर पाकिस्तान में प्रवेश करती है। इस प्रकार, नदी दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिंधु घाटी सभ्यता का केंद्र थी, जो एक प्राचीन शहरी सभ्यता थी और दोनों देशों के बीच साझा विरासत है।
हालांकि, खनिज संसाधनों के अधिकारों पर इंदुस जल संधि, जो 1960 में हस्ताक्षरित हुई थी और पानी के बंटवारे से संबंधित है, लागू नहीं होती। संधि के अनुसार, पश्चिमी नदियों (इंदुस, चिनाब, और झेलम) पर Pakistan का नियंत्रण है, जबकि पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, और सतलज) पर भारत का। लेकिन यह खनिज संसाधनों पर लागू नहीं है, और सोने के अधिकार पाकिस्तान के कानून के अधीन हैं, क्योंकि खोज पाकिस्तान की सीमा के भीतर है।
एक अप्रत्याशित विवरण यह है कि सोने की उत्पत्ति संभवतः हिमालय से है, जो भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, और नदी के बहाव के कारण यह पाकिस्तान में जमा हुआ हो सकता है। यह भू-राजनीतिक संबंधों में एक अप्रत्यक्ष लिंक बनाता है, हालांकि कोई कानूनी विवाद नहीं है।
निष्कर्ष
इंदुस नदी में सोने की खोज Pakistan के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो आर्थिक पुनरुद्धार और समृद्धि की आशा देती है। यह भारत के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी उजागर करता है, हालांकि खनिज अधिकारों पर कोई विवाद नहीं है। यह परियोजना पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता को बढ़ाने की क्षमता रखती है, बशर्ते पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित किया जाए।