Today Indian share market bloodbath today,40 lakh crore wiped out in February.
आज, 28 फरवरी 2025, भारतीय share market ने 1996 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट का सामना किया है। NSE निफ्टी 50 लगातार पांचवें महीने नुकसान की ओर बढ़ रहा है, जो 29 वर्षों में सबसे लंबी गिरावट है। सितंबर 2024 के शिखर से Nifty में लगभग 15% की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की संपत्ति में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 85 लाख करोड़ रुपये) की कमी आई है।
शुक्रवार को व्यापक स्तर पर बिकवाली के बीच बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2% की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 1414.33 अंक या 1.90 प्रतिशत गिरकर 73,198.10 पर आ गया, जबकि निफ्टी 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत गिरकर 22,124.70 पर आ गया। सभी 13 क्षेत्रीय सूचकांकों में गिरावट आई, जिसमें बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप में 2% से अधिक की गिरावट आई। विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली के कारण आईटी और वित्तीय शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। मेक्सिको, कनाडा और चीन पर ट्रम्प के नए टैरिफ ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को हवा दी।
दुग्गल साहब के कुशल नेतृत्व में जनता के
91 लाख करोड़ का लवणेम भोज्यम हो चुका है,ये कितनी बड़ी रकम है,
इसका अंदाजा इसी बात से लगाइये कि,
UP जैसे बड़े राज्य के साल भर के बजट के बराबर है ये रकम, #sharemarketindia pic.twitter.com/o4hw32WyEq— Talim Gani (@itstalimgani) February 28, 2025
गिरावट के प्रमुख कारण:
1. कमजोर आय और विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
कमजोर तिमाही नतीजों और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली ने बाजार पर दबाव डाला है। सितंबर 2024 से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में लगभग 25 बिलियन डॉलर की शुद्ध बिकवाली की है।
2. अमेरिकी टैरिफ नीतियों से अनिश्चितता:
अमेरिका की टैरिफ नीतियों में अनिश्चितता के कारण भारतीय बाजार प्रभावित हुआ है, जिससे निवेशकों की धारणा नकारात्मक हुई है।
3. उच्च मूल्यांकन और वैश्विक ब्याज दरें:
भारतीय बाजार के ऊंचे मूल्यांकन और वैश्विक ब्याज दरों में वृद्धि ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है।
4. रुपये की कमजोरी:
भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है, जो निवेशकों की धारणा को प्रभावित करता है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर प्रभाव:
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई है। फरवरी में निफ्टी स्मॉल-कैप 100 और मिड-कैप 100 इंडेक्स क्रमशः 13.2% और 11.3% गिरे हैं, जो पिछले साल के उच्चतम स्तर से 26% और 22% की गिरावट दर्शाते हैं।
डेरिवेटिव बाजार संकेत:
डेरिवेटिव बाजार में, उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों और खुदरा निवेशकों ने लंबे पोजीशन में कटौती की है, जबकि विदेशी निवेशकों ने स्टॉक फ्यूचर्स में लॉन्ग पोजीशन को इंडेक्स शॉर्ट्स के साथ हेज किया है। ओपन इंटरेस्ट में कमी बाजार की कमजोर धारणा को दर्शाती है।
भविष्य की संभावनाएं:
विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी 50 में और गिरावट संभव है, मार्च में यह 21,800 से 22,900 के बीच ट्रेड कर सकता है।
हालांकि, कुछ सकारात्मक संकेत भी हैं। सिटीग्रुप ने भारतीय शेयरों को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है, जो उपभोक्ता भावना में सुधार, संभावित ब्याज दर कटौती, और अमेरिकी व्यापार जोखिमों के सीमित प्रभाव पर आधारित है। इसके अलावा, मॉर्गन स्टेनली ने 2025 में भारतीय बाजारों के वैश्विक स्तर पर अग्रणी प्रदर्शन की संभावना जताई है, जो सेंसेक्स में 18% तक की वृद्धि का अनुमान लगाता है।
आगामी केंद्रीय बजट 2025 भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। निवेशकों को उम्मीद है कि बजट में कर सुधार और सरकारी खर्च में वृद्धि जैसे उपाय शामिल होंगे, जो बाजार में स्थिरता और विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।